बुधवार, 16 जून 2010

सीने में जलन - शहरयार

जाने-माने शाइर शहरयार को उनके जन्मदिन पर याद करते हुए प्रस्तुत है 1979 में बनी फ़िल्म गमन के लिए लिखी गई उनकी यह ग़ज़ल - सीने में जलन आँखों में तूफ़ान सा क्यूँ है इस शहर में हर शख़्स परेशान सा क्यूँ है दिल है तो धड़कने का बहाना कोई ढूँढे पत्थर की तरह बेहिस-ओ-बेजान सा क्यूँ है तन्हाई की ये कौन सी...

मंगलवार, 1 जून 2010

वेद में जिनका हवाला हाशिये पर भी नहीं - अदम गोंडवी

अपनी रचनाओं के द्वारा व्यवस्था पर, चाहे वह सामाजिक हो या राजनैतिक, करारी चोट करने वाले रचनाकारों में से अदम गोंडवी एक जाना-पहचाना नाम है। सामाजिक रूढ़ियों, द्वंद से मन में उठे आक्रोश को अदम गोंडवी जी की रचनाओं में बड़ी ही संवेदना और प्रखरता से महसूस किया जा सकता है। प्रस्तुत है अदम गोंडवी...